आचार्य गुरुदेव श्री १०८ आर्जवसागरजी
महाराज का जीवन परिचय
गुरुवर आर्जव सागर जी का
जीवन परिचय
आचार्य गुरुदेव श्री १०८ आर्जवसागरजी महाराज का जीवन परिचय
(आर्जवसागर जी महाराज का बायोडाटा)
पूर्व नाम: पारसचंद जैन
पिताजी: श्री शिखरचंद जैन
माताजी:श्रीमती मायाबाई जैन
जन्मतिथि: ११ -९-१९६७ (11-9-1967)
जन्मस्थान: फुटेरा कलां , जिला – दमोह (मध्य प्रदेश)
बचपन बीता: पथरिया , जिला – दमोह (मध्य प्रदेश )
शिक्षा: बी.ए. (प्रथम वर्ष )
ब्रम्हचर्य व्रत: ११ -१२-१९८४ (11-12-1984) अतिशय क्षेत्र पनागर जी
सातवी प्रतिमा: १९८५ (1985) , सिद्ध क्षेत्र आहार जी
क्षुल्लक दीक्षा: ८-११-१९८५ (8-11-1985) सिद्ध क्षेत्र आहार जी
एलक दीक्षा:१०-७-१९८७ (10-7-1987) अतिशय क्षेत्र थूवोनजी
मुनि दीक्षा: ३१-३-१९८८ (31-3-1988) सिद्ध क्षेत्र सोनागिरी जी
दीक्षा गुरु: आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
आचार्य पद: २५-१-२०१५ (25-01-2015 इंदौर) (माघ शुक्ल षष्ठी) (समाधि पूर्व आचार्य श्री सीमंधरसागर जी द्वारा)
कृति रचनाएँ: धर्मभावना शतक, जैनागम संस्कार, बचपन का संस्कार, सम्यकध्यान शतक, तीर्थोदय काव्य, नेक जीवन, परमार्थ साधना, जैन धर्म में कर्म व्यवस्था,आर्जव वाणी, पर्युष्ण पीयूष, जीवन संस्कार, आर्जव कविताएँ, जिनवर स्तुति, साम्य भावना, आगम-अनुयोग, जैन शासन का ह्रदय, लोक कल्याण विधान, सदाचार सूक्ति काव्य, [ गोमेम्टेश स्तुति, इष्टोपदेश, द्रव्यसंग्रह, समाधितन्त्र, तत्वसार, प्रश्नोत्तर रत्न्मलिका ] आदि अनेक ग्रंथों का पद्यानुवाद, आत्मोद्धार शतक |