Aacharya Aarjav Sagar ji Maharaj (AARJAV VANI) आर्जव वाणी

परम् पूज्य आचार्य श्री १০८

आर्जवसागर जी महाराज

पिड़ावा समाज के प्रत्येक साधर्मी जन की जितनी तारीफ की जाए कम है यह ऐसी समाज है जो हमेशा एकजुटता का प्रतीक रही है। समाज मे नित नए आयाम गुरुदेव आचार्य श्री आर्जवसागर जी ससंघ के सानिध्य में हो रहे है प्रत्येक साधर्मी जन किसी कार्य मे पीछे नही सभी अपनी क्षमता अनुसार हर कार्य मे चाहे सोलहकारण व्रत हो दसलक्षण विधान हो मांगलिक भवन में डॉम का कार्य या फिर जो समाज को सबसे ज्यादा जिस कार्य की आवश्यकता थी कि एक चांदी का रथ उसमे प्रत्येक चाहे बच्चे हो नवयुवक हो पुरुष महिलाएं बुजुर्ग गण जिनका हमेशा आशीर्वाद रहा है ऐसे साधर्मी जन ने गुरदेव के एक आशीर्वाद पर  इतना दान दिया है और बढ़चढ़कर दे रहे है की क्या कहना महिलाएं तो भरी सभा मे अपने आभूषणो का दान दे रही है तो कोई नियम ले रहे है कि हम आभूषणो का त्याग जीवन भर के लिये कर रहे है इस दान में बाहर से भी जो गुरदेव के भक्तगण है  चेनई गुजरात दिल्ली दमोह तमिलनाडु अमेरिका और भी कई जगह के भक्त जिनका शायद हम नाम भूल गए  और  सभी साधर्मी जन जिन्होंने अपनी क्षमता न छुपाते हुवे हर कार्य को सफल बनाने में सहयोग किया उन सभी दान दातार परिवारों के पुण्य की खूब खूब अनुमोदना